गुरुग्राम, 07 मार्च  पिछले कुछ वर्षों से प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को कम
करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की पर्यावरण संरक्षण से संबंधित
इनसीटू तथा एक्ससीटू नीतियों को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।

इस दिशा में फसल अवशेषों को जलाने से
रोकने के लिए किसानों को पर्यावरण के अनुकूल कटाई उपकरण वितरित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने
अपैरल हाउस में आयोजित ;स्वच्छ वायु संवाद& के शुभारंभ अवसर पर भेजे अपने रेकार्डेड वीडियो संदेश में ये विचार
रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हरियाणा जल्द ही फसल अवशेष जलाने के मामलों से मुक्त हो
जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए कई पहल की
हैं। राज्य सरकार द्वारा वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ई-वाहन नीति के माध्यम से ई-वाहनों को प्रोत्साहित
करने हेतु कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं।

प्रदेश के कुल 22 जिलों में से 14 जिलों पर एनसीआर की नीतियों का प्रभाव पड़ता है। प्रदेश का 60 प्रतिशत से
अधिक क्षेत्र एनसीआर में आता है।

दिल्ली के बाद प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव हमारे क्षेत्रों पर रहता है। प्रदेश
के एनसीआर क्षेत्र में पड़ने वाले जिलों की वायु गुणवत्ता की निगरानी में कई ठोस पहल की हैं। राज्य में 29
कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मानीटरिग स्टेशन स्थापित किए गए हैं जिनमें से 21 स्टेशन एनसीआर के 14
जिलों में हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एनसीआर के जिलों में सभी रेड श्रेणी की इकाइयों में आनलाइन एमिशन
मानीटरिग डिवाइस स्थापित करने की अनिवार्यता बनाने की नीति अपनाई है।

यह डिवाइस केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर से जुड़ी है।

उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि इस दो दिवसीय
संवाद कार्यक्रम में तकनीकी विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, कार्यान्वयन एजेंसियों, नागरिक समाज संगठनों और
उद्योगपतियों के सम्मेलन में वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण मुद्दों और उन्हें हल करने के सार्थक उपायों पर विचार-
विमर्श होगा।