Gangster Anandpal

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Gangster Anandpal escape story from jail van: गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर के 7 साल बाद उसमें शामिल पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है। दोषी ठहराए गए 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जोधपुर कोर्ट ने हत्या की धारा 302 के महत मामला चलाने और जांच करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद एक बार फिर राजस्थान, हरियाणा और आसपास के अन्य राज्यों में आतंक का दूसरा नाम आनंदपाल की चर्चा है। वैसे तो उसके कई आपराधिक किस्से हैं लेकिन इनमें से एक है साल 2015 में उसके फरार होने का।

पेशी के बाद अजमेर जेल लौट रहा था आनंदपाल

बात 3 सितंबर 2015 की है, हत्या, लूटपाट समेत अन्य संगीन मामलों में आरोपी आनंदपाल पुलिस की गिरफ्त में था। उसे कोर्ट की पेशी से पुलिस वैन में अजमेर जेल लेकर जा रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान उस समय ड्यूटी पर तैनात पुलिस टीम में उसका एक राजदार शामिल था। रास्ते में आनंदपाल ने मिठाई खाने की इच्छा जाहिर की। उसने ऐसा जताया कि वह खुश है और वह अब कुछ दिन में जमानत पर बाहर निकल जाएगा।

 

 

लड्डूओं में था नशीला पदार्थ

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आनंदपाल ने पुलिस वैन में मौजूद सभी पुलिसकर्मियों को जो लड्डू खिलाए थे उसमें नशीला पदार्थ था और उसे खाकर सब बदहवास हो गए थे। जो कथित पुलिसकर्मी उसके साथ मिला हुआ था उसने आनंदपाल की हथकड़ी खोल दी, इसी बीच फिल्मी स्टाइल में उसके भाई और अन्य लोगों ने पुलिस वैन को घेरा और फायरिंग करते हुए आनंदपाल को छुडाकर वहां से फरार हो गए।

2 साल चला था चूहे-बिल्ली का खेल

आनंदपाल के फरार होने के बाद पुलिस की काफी बदनामी हुई। तेज-तर्रार पुलिस अधिकारी गैंगस्टर की धरपकड़ के लिए लगाए गए। बताते हैं 2 साल चूहे-बिल्ली का खेल चला। फिर 24 जून 2017 को आनंद पाल का एनकाउंटर हुआ। लेकिन इस एनकाउंटर पर कई सवाल उठे। आरोप था कि एके 47 से पुलिस टीम पर गोलीबारी करने वाले आनंदपाल के शरीर में छह गोलियां कैसे लगी? वहीं, गैंगस्टर के परिजनों ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर अब फैसला आया है।

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