2000 में छू सकते हो दबा सकते हो लेकिन 200 रुपए में सिर्फ देखने को मिलेगा
\आप लोगो को जो सच्चाई बताने जा रहा हूं उसे सुन कर शायद आप लोग यकीन ना करें
पर मैं करता हूं क्यों की इन सब चीजों को मैने अपनी आंखों से देखा है
मैं होटल इंडस्ट्री में बतौर 7 साल से काम कर रहा हूं, और आए दिन रोज रोज ये देखता हूं
आज कल सोशल मीडिया के जमाने में एक नया धंधा है जो काफी तेजी से फैल रहा है, और वो यही है
आज के समय में सोशल मीडिया में जितनी भी लड़किया नाच रहीं हैं उन्हें इस बात की चिंता नहीं होती है की उनकी इज्जत नीलाम हो रही है,
और ना ही उनके मां बाप को होती है , बल्कि वो बड़े गौर से बोलते हैं की मेरी बेटी के इतने फॉलोअर्स हैं
इसके पीछे मंशा बस एक ही होती है और वो हैं पैसा कमाना लेकिन। दुर्भाग्य की बात ये है की सब लोग इतना पैसा नही कमा पाते हैं, और फिर शुरू होता है असली खेल
इसकी शुरुवात होती हैं कोलेबोरेशन से, जिसमे वो किसी समान को मुफ्त में प्राप्त करने के लिए उसके लिए वीडियो बनाती है
फिर बारी आती है ऐप्स की जो इन लड़कियों को अपने ऐप पर आने का अमात्रण देते हैं और बदले में उन्हें पैसा देते हैं
और यही से शुरुवात होती है वैश्या वृत्ति की, जिसमे ये ऐप वाले आप से अश्लील वीडियो बनवाते हैं
और पैसे के ललक में लड़किया छोटे कपड़े पहन कर इसे वीडियो बनाती है
जब एक बार बाजार चल जाता है तो ये आती है देह व्यायार में, इसमें अलग अलग व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए और टेलीग्राम के जरिए ये अलग अलग दलालों से जुड़ जाती हैं और इनकी एक दिन की फीस इनके फिगर के आधार पर निर्धारित होती हैं
जितना कोमल और sudal शरीर उतना ज्यादा पैसा
और ये मात्र 300 रुपए में आके आपके साथ वीडियो बना देंगी ,
लेकिन अगर आप 3000 देते हैं तो आप के सामने नंगी होके टांग भी खोल देंगी
इसके अलावा अलग अलग वेबसाइट पर चेहरे पर मास्क लगा कर नग्न प्रदर्शन करेंगी
मैने खुद जयपुर दिल्ली बैंगलोर में नौकरी की। है और चांद पैसे के लिए इन लड़कियों को दूसरे के बिस्तर को गर्म करते देखा हैं
और आप को बता दें ये ज्यादातर लड़किया अच्छे और सम्पन्न घर से होती हैं, इनकी कोई ऐसी मजबूरी नही होती जिसके लिए इन्हें अपना जिस्म बेचना पड़े
पर महंगे मेकअप का समान अच्छे रेस्टिरेंट में पार्टी डिजाइनर।कपड़े
इनकी चाहत की वजह से इन्हें चंद पैसे के लिए बिस्तर पर नग्न होना पड़ता है
पर इसमें सिर्फ गलती इनकी नही इनके मां बाप की है जो काम उम्र में उन्हें मोबाइल देते हैं इस बात पर नजर नही रखते हैं की उनकी बेटी या बेटा क्या काम कर रहा है
और इनकी बच्चियां इन दलदल में फसती जाती हैं