दो बहनें 4 पन्नों का सुसाइड नोट और एक गुहार ‘योगी जी आसाराम की तरह इन लोगों को सजा देना’
आगरा के थाना जगनेर क्षेत्र में स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में बीते शुक्रवार की मध्य रात को दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दोनों बहनों ने सुसाइड के जरिए आश्रम से जुड़े कुछ लोगों का नाम लेते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की गुहार लगाई हैं।
ध्यान केंद्र के रूप में देश विदेश में अपनी अलग पहचान बनाने वाला ब्रह्माकुमारी आश्रम अब आध्यात्मिक दुनिया से बाहर निकलकर विवादों में आना शुरू हो गया है। दरअसल, आगरा के थाना जगनेर क्षेत्र में स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में बीते शुक्रवार की मध्य रात को दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों की ओर से घटनास्थल की पड़ताल की गई, जिसमें सामने आए एक सुसाइड नोट ने दोनों बहनों के आत्महत्या के पीछे की वजह साफ कर दी। सुसाइड के जरिए दोनों बहनों ने आश्रम से जुड़े कुछ लोगों का नाम लेते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की गुहार लगाई हैं। बहनों ने सुसाइड में यह तक कह दिया कि आश्रम में कार्यरत इन दोषियों को आशाराम बापू की तरह सजा मिलनी चाहिए।
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आश्रम के व्हाट्स ऐप ग्रुप पर सुसाइड नोट भेजकर कर ली आत्महत्या, मौके पर पहुंचा परिवार
मिली जानकारी के अनुसार, आत्महत्या से पहले दोनों बहनों ने अपने अपने सुसाइड नोट आश्रम के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजे थे। एकता और शिखा नाम की दो बहनों के भाई सोनू ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार देर रात 11.18 बजे उनके व्हाट्सएप पर रूपवास स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहन ने सुसाइड नोट भेजकर एकता और शिखा की ओर से ग्रुप में भेजे गए सुसाइड नोट की जानकारी दी। सोनू ने बताया कि मैसेज देखकर परिजन आश्रम पहुंचे, जिसके बाद दोनों बहनों के शव छत पर लगे पंखों के हुक से साड़ी के फंदे पर लटके मिले।
पुलिस ने शव को फंदे से उतारा, सुसाइड नोट में 4 कर्मचारियों को ठहराया जिम्मेदार
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते मामले की सूचना पर डीसीपी सोनम कुमार, एसीपी महेश कुमार, थाना प्रभारी जगनेर भी घटनास्थल पर पहुंच गए और दोनों बहनों के शव को उतारकर आसपास तलाश शुरू की गई। मौके पर मिले सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने आत्महत्या के लिए आश्रम के चार कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। जगनेर निवासी एकता (37) और शिखा (34) नाम की दोनों बहने पिछले काफी समय से ब्रह्माकुमारी आश्रम से जुड़ी थीं। बीते चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्माकुमारी आश्रम की स्थापना के बाद वहां रहने लगीं थीं। आपको बता दें कि दोनों बहनों के भाई सोनू ने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले वह आश्रम में बहनों से मिलकर गए थे। उस दौरान सब कुछ सामान्य था।
4 पन्ने के सुसाइड नोट में खोले आश्रम के राज, सीएम योगी से की कार्रवाई की मांग
मिली जानकारी के अनुसार, ब्रह्मकुमारी आश्रम जगनेर में रह रही एकता और शिखा ने आत्महत्या से पहले चार पेज का सुसाइड नोट लिखा। आपको बताते चलें कि शिखा ने एक पेज पर ही अपनी पूरी बात लिखकर खत्म कर दी। जबकि एकता की ओर से लिखा गया सुसाइड नोट तीन पन्ने का था। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि दोनों बहनें एक वर्ष से मानसिक तौर पर परेशान थीं । उनकी ओर से की गई आत्महत्या के लिए आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला जिम्मेदार हैं।
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25 लाख की धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला, आश्रम के कर्मचारियों पर लगाया गंभीर आरोप
एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए लिखा है कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था लेकिन सेंटर के बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल से हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। मृतक बहनों का आरोप है कि आरोपी नीरज का साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया। सुसाइड नोट में ये भी बताया गया है कि उनके पिता ने सात लाख रुपये प्लाट के लिए आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने 18 लाख रुपये गरीब माताओं के भी हड़प लिए। सेंटर के नाम पर कुल 25 लाख रुपये हड़प लिए गए। इसके बाद ये लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते हैं। दोनों बहनों ने आरोपियों पर धन हड़पने और महिलाओं के साथ अनैतिक कार्य करने का आरोप लगाया है।
दोनों बहनों ने की आसाराम बापू की तरह सजा देने की मांग
आपको बताते चलें कि एकता ने अपना सुसाइड नोट सीएम योगी के नाम लिखा। उन्होंने इस मामले से जुड़े आरोपियों को आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की है। सुसाइड नोट में ये भी लिखा है कि इन लोगों ने हमारे साथ तो गलत नहीं किया, लेकिन बहुतों के साथ किया है। कहा गया है कि ये लोग किसी से पैसे लाते हैं और बाद में उसी पर केस कर देते हैं। सुसाइड नोट में जिक्र किया गया है कि उनकी मौत के बाद सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दान दे दिया जाए।